*सुरखी विधानसभा उपचुनाव:खाद्य व आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को भाजपा प्रतिद्वंदी ठोकेंगे ताल, कांग्रेस से प्रमिला सिंह राजपूत देंगी चुनौती*
*!!.महिला कांग्रेस सागर की जिला अध्यक्ष प्रमिला सिंह राजपूत के भाई राजबहादुर सिंह सागर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद.!!*
भोपाल -आगामी महीनों में राज्य में होने वाले बिधानसभा उप चुनाव भबिष्य की राजनीति और सिंधिया जी सहित सिंधिया सर्मथक पूर्व मंत्रियों,बिधायको के राजनैतिक भविष्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण और संवेदनशील होने वाले हैं।
कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करा शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पुनः भाजपाई सरकार बनबाने बाले पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत हासिल कर चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी अपरिपक्वता, भाजपाई प्रलोभनों या दबाव के चलते अपने सर्मथक बिधायको को लेकर भाजपा में शामिल होने को तो हो गये है भाजपा में शामिल होते समय भाजपा नेतृत्व ने सिंधिया जी के साथ जो सौदेबाजी या समझौता किया हो अब उस पर अमल होना संभव नहीं लगता है। राज्य बिधानसभा उप चुनावों में जिन 22 बिस क्षेत्रों में सिंधिया सर्मथको को प्रत्याशी बनने की उम्मीद रहीं बह समय के साथ धुंधलाने लगीं हैं जोकि अकारण ही नहीं है बस्तुत: सन् 2018 के बिस चुनाव में जो भाजपाई सिंधिया सर्मथक पूर्व कांग्रेसी विधायकों के मुकाबले मामूली अंतर से चुनाव हारे थे बह भाजपाई पूर्व प्रत्याशी तथा अन्य भाजपा नेता भी उप चुनाव में टिकटार्थी बनने की उम्मीद और कोशिश कर रहे हैं जिन्हें अन्देखा कर दल-बदल कर भाजपाई बने कांग्रेसियों को टिकट देना और उन्हें जिता लाना भाजपा के लिए यदि संभव नही होगा।
सागर जिले में सुरखी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत जो मौजूदा समय में शिवराज मंत्रिमंडल में खाद्य आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्यरत हैं पुनः सुरखी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी घोषित हो सकतें हैं जबकि सन् 1998 से सन् 2018 तक सभी चुनावों में गोबिंद सिंह राजपूत कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं और चुनावी चुनौती के दौरान भाजपाई कार्यकर्ताओं नेताओं के खिलाफ जमकर घात-प्रतिघात की राजनीति करते रहे हैं जिसे लेकर भाजपा में एक बड़े बर्ग की नाराज़गी आज भी कायम है।
सुरखी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पास कोई बड़े नाम का आभाव साफ नज़र आ रहा है गोबिंद सिंह के मुकाबले, परंतु राजनीति में अवसरों के महत्त्व और चमत्कारी घटनाक्रम का कतई आभाव नहीं होता है ऐसे ही हालात बनते दिखाई दे रहे हैं सुरखी विधानसभा क्षेत्र में, बहुत संभव है कि कांग्रेस यहां से जैसीनगर जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं बरिष्ठ कांग्रेसी कृष्णा सिंह राजपूत की पुत्रबधू प्रमिला राजेश सिंह राजपूत को प्रत्याशी घोषित कर भाजपा और गोबिंद सिंह का खेल बिगाड़ने की ओर कदम बढ़ा सकती है। प्रमिला सिंह इन दिनों महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष पद पर है और इनके भाई राजबहादुर सिंह मौजूदा समय में भाजपा से सागर संसदीय क्षेत्र से सांसद भी हैं ।
जैसीनगर जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष कृष्णा सिंह राजपूत सुरखी बिस क्षेत्र के बिल्हेरा, जैसीनगर सुरखी क्षेत्र में सामाजिक स्तर पर कड़ी चुनौती साबित हो सकतें हैं अपनी पुत्रबधू के साथ भाजपा के लिए जबकि राहतगढ़ क्षेत्र भी अबकी बार गोविंद सिंह से बिमुख हों सकता है दल-बदल करने के कारण,
सुरखी बिस क्षेत्र के प्रभावशाली किसान नेता राजेंद्र सिंह मोकलपुर एक समय गोविंद सिंह राजपूत की राजनीति तथा उनके द्वारा किए गए ब्याक्तिगत आघात से आहत हो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे l भूपेन्द्र सिंह के माध्यम से परंतु अब जबकि गोबिंद सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए हैं तब राजेंद्र सिंह मोकलपुर से किसी तरह के सहयोग या सामंजस्य की उम्मीद शाय़द ही की जा सकें यदि भाजपा में रहते हुए राजेंद्र सिंह मोकलपुर भाजपा प्रत्याशी के रूप में गोबिंद सिंह का बिरोध ना भी करें और तटस्थता की नीति अपनाते हैं तो उनकी तटस्थता उनकी नाराज़गी का सबब समझी जा सकती हैं, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह मंत्री पद से दूर रहने का मलाल और माध्यम खुलेआम भले ही गोबिंद सिंह को न माने परंतु उनसे जुड़े लोगों को कहते सुना जानें लगा है कि उप चुनाव ही समस्या से निपटने का एक अवसर है बरना खुद ही निपट सकते हैं।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष बरिष्ठ भाजपा बिधायक गोपाल भार्गव भी मंत्री नहीं बन सकें जिससे उनकी नाराज़गी कब तक दबी रह सकतीं हैं कहना मुश्किल है, पूर्व बिधायक पारुल साहू की भूमिका सुरखी विधानसभा उप चुनाव के समय हार-जीत के फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकतीं हैं जिसका आभाष भी गोविंद सिंह की ही नहीं भाजपा की चिंता बढ़ाने का सबब है।
सुरखी बिस क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चिन्हित की जा रही प्रमिला सिंह महिला कांग्रेस अध्यक्ष होने के अतिरिक्त पूर्व में जनपद पंचायतलगी जैसीनगर की अध्यक्ष रह चुकी है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में उनका समाज के सभी बर्गो के साथ निजी संपर्क और संबंध अतिरिक्त पूंजी के रूप में उन्हें लाभान्वित कर सकता है, चूंकि सत्ता और बर्चस्व की धुन सत्ता शिखर पर जमें सत्ताधारी को अपनों से दूर करने का मार्ग प्रशस्त करनें का सबब बन जाती है जिसका आभाष भी उसे नहीं हो पाता है ।
शिवराज सिंह मंत्रीमंडल के प्रभावशाली मंत्री गोविंद सिंह राजपूत हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं परंतु उन्हें भाजपाईयों के बीच एक भरोसेमंद ऐसा कार्यकर्त्ता सहयोगी नहीं मिल सका जिस पर बह भरोसा कर उसे अपना मंत्री प्रतिनिधि बना पाते, इन्होंने अपने अग्रज हीरा सिंह राजपूत को अपना मंत्री प्रतिनिधि बना रखा है जिसे लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में आंतरिक असंतोष अनुभव किया जा रहा है जो भबिष्य में भारी पड़ सकता है।
*सुरखी विधानसभा उपचुनाव:खाद्य व आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को भाजपा प्रतिद्वंदी ठोकेंगे ताल, कांग्रेस से प्रमिला सिंह राजपूत देंगी चुनौती*