!!.सुरखी विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव: दिग्गजों में बवाल,गोविंद सिंह राजपूत की राह आसान नहीं, भाजपा में आंतरिक कलह कांग्रेस का विरोध.!!*

*
सागर -मध्य प्रदेश में होने वाले सिंह उप चुनावों की सरगर्मी दिनों-दिन तेज होती जा रही है, बुन्देलखण्ड अंचल के संभागीय मुख्यालय सागर जिले में सुरखी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक और राज्य के मौजूदा सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा क्षेत्र से अबकी बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर चुके हैं ।
       सन् 1998 से सन् 2018 तक प्रत्येक बिस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अब तक चुनावी जंग में मौजूद रहे गोविंद सिंह राजपूत पहली बार अपनी मातृसंस्था के बिरुध उन लोगों के सहयोग से चुनाव मैदान में उतर रहें हैं जिनके बिरुध कल तक चुनावी जंग में बाजी मारने के लिए ऐन केन प्रकरेण साम दाम दंड भेद की नीति का पालन करते रहे हैं । 
    कल तक धुर विरोधी भाजपाई अब गोबिंद सिंह के लिए  कितने उदारमना और कहां तक इनके अनुकूल रहेंगे और कितने प्रतिकूल कहना संभव नहीं है परंतु आत्मबिश्वास से लवरेज गोबिंद सिंह राजपूत की चुनावी रणनीति में इस बार उनके मुख्य रणनीतिकार उनके अग्रज हीरा सिंह ही होंगे या भाजपा का कोई बरिष्ठ नेता यह तो बही जाने, इसी बीच गोबिंद सिंह ने सुरखी बिस क्षेत्र में अपने मंत्री प्रतिनिधि के रूप में अपने अग्रज हीरा सिंह को नियुक्त कर भाजपाई कार्यकर्ताओं को बिचलित और आशंकित कर दिया है जब मंत्री प्रतिनिधि के रूप में इन्हे भाजपाई कार्यकर्ताओं में एक कार्यकर्ता भरोसेमंद नहीं दिखाई दिया तो   चुनाबो के बाद यह   भाजपाईयो पर कैसे और कितना बिश्वास करेंगे ? 
     परंतु कांग्रेस खेमे में अपने संगठन और प्रत्याशी के नाम पर फिलहाल दुबिधा भरी स्थिति है, दांगी समाज की बहुल्ता बाले सुरखी बिस क्षेत्र में दांगी समाज को प्रभाबित करने के लिए भाजपा इस बार बहुत संभव है कि पूर्व ग्रह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह को चुनाव संचालन का दायित्व सौंपे जहां तक कांग्रेस की बात करें तो पूर्व मंत्री प्रभु सिंह को जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष पद सौंपकर कांग्रेस दांगी समाज को प्रभाबित करने की कोशिश कर सकतीं हैं।
      सुरखी बिस क्षेत्र से लगें देवरी क्षेत्र से कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री हर्ष यादव सुरखी बिस क्षेत्र में भाजपा और गोबिंद सिंह के लिए मुंह मांगी मुराद साबित हो रहें हैं, चूंकि अपने मंत्रीत्व कार्यकाल के 15 महीनों में इन्होंने देवरी सहित जिले में जिस तरह जातिगत राजनीति की शुरुआत करते हुए ब्राह्मण क्षत्रिय समाज के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों को प्रताड़ित और स्थानांतरित करने की कोशिश की है उसके चलते पूरे जिले में हर्षयादव के बिरुध जन असंतोष सुरखी उप चुनाव में कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है यदि इन्हें सुरखी क्षेत्र में जिम्मेदारी दी जाती है तो कांग्रेस मानसिकता बाली इस सीट पर भाजपा बड़े अंतर से जीत दर्ज करने में सफल होंगी ऐसा सुरखी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में चर्चाएं चल पड़ी है ।
     माना और कहा जा रहा है कि गोविंद सिंह राजपूत के साथ पुरानी अदाबत के बाबजूद राजेंद्र सिंह मोकलपुर और पूर्व विधायक पारुल साहू संभवत: भाजपा में रहकर आंतरिक रुप से गोबिंद सिंह को जितना नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे यदि हर्ष यादव सुरखी में कांग्रेस पक्ष में प्रचार अभियान का हिस्सा बनेंगे तो उतना ही लाभ गोविंद सिंह के खाते में जायेगा।
     ज़िले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच यही एक बड़ी चिंता और चुनौती है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सागर जिले में हर्ष यादव को‌ यदि महत्त्व देंगे तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जो परिश्रम किया जायेगा वह सब व्यर्थ हो सकता हैं ऐसी दशा में बेहतर होगा कि कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट बचाने के लिए सामाजिक समरसता के लिए राजनैतिक दृष्टि से खतरा बन चुके पूर्व मंत्री हर्ष यादव को सुरखी बिस क्षेत्र में उप चुनावों के दौरान दूर रखने का फैसला करें।
*डॉसौरभ मिश्रा *