*ग्राम पंचायतों से पीएम नरेंद्र मोदी का संवाद*
आप सभी साथियों को पंचायती राज दिवस की ढेर सारी शुभकामनाए,आज जिन-जिन पंचो और पंचायत को सम्मानित किया गया है,उनको भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और देश भर की पंचायतों से मेरा आग्रह है जिन को सम्मान मिला है जिन को अवार्ड मिला है वह वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं उनका गौरव गान करें,कोरोना महामारी ने काम करने का अंदाज बदल दिया है,बार हमेशा हम सभी वैसे कार्यक्रमों में मिलते थे लेकिन आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बात करनी पड़ रही है,आज अनेक पंचायतों को अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कार मिले हैं,यह सही है कि कोरोना महामारी ने हमारे लिए अनेक प्रकार की नई नई मुसीबतें पैदा कर दी है लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि इस महामारी ने हमें नई शिक्षा भी दी है,एक नया संदेश भी दिया है,आज इस कार्यक्रम के माध्यम से मैं हिंदुस्तान के सभी नागरिकों को चाहे वह गांव में हो या शहर में उन सब तक एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश देना चाहता हूं,कोरोना संकट में अपने सबसे बड़ा संदेश,अपने सबसे बड़ा सबक दिया है,हमें सिखाया है,उस रास्ते पर चलने के लिए हमारा दिशा निर्देश किया है,और वह रास्ता ऐसा क्या है इस कोरोना संकट से अनुभव में मैंने पाया है,हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा,बिना आत्मनिर्भर बने ऐसे संकटों को झेल पाना भी मुश्किल हो जाता, गांव अपने स्तर पर अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बने,जिला अपने स्तर पर राज्य अपने स्तर पर इसी तरह हमारा पूरा हिंदुस्तान कैसे आत्मनिर्भर बने, अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमें कभी भी बाहर का मुंह ना देखना पड़े,यह हम सभी को सबक लेना चाहिए,भारत में यह विचार सदियों से रहा है आज बदली हुई परिस्थितियों में हमें फिर से याद दिलाया है,आत्मनिर्भर बनो हमारे देश की ग्राम पंचायतों की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है,मजबूत पंचायतें आत्मनिर्भर का भी आधार है,इसलिए पंचायत की व्यवस्था जितनी मजबूत होगी उतना ही लोकतंत्र मजबूत होगा, उतना ही विकास का लाभ आखिरी छोर पर बैठे हुए उस सामान्य व्यक्ति तक पहुंचेगा,इसी सोच के साथ सरकार ने पंचायती राज से जुड़ी व्यवस्थाओं को इन्फ्राट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर कार्य किया है,वरना 5- 6 साल पहले एक दौर वह भी था जबकि 100 से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जुड़ी थी,आज सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है, इतना ही नहीं गांव में कॉमन सर्विस सेंटर की भी व्यवस्था तीन लाख पार कर चुकी है,गांव के इन्फ्राट्रक्चर को मजबूत करने के लिए शहरों और गांवों में दूरी कम करने के लिए आज सरकार द्वारा 2 बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए हैं,एक है ई ग्राम स्वराज जो ओर दूसरा ग्रामवासी के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत ही ग्राम स्वराज ग्रामों के डिजिटल करण की ओर नई शुरुआत है,ग्राम पंचायतों के अलग-अलग कार्यों का लेखा-जोखा रखने वाला सिंगल प्लेटफार्म है,अब अलग-अलग एप्लीकेशन में अलग अलग चीज है करने की कोई जरूरत नहीं होगी,इस पोर्टल पर पंचायत के विकास कार्य की डिटेल ओर भी सभी जानकारी उपलब्ध रहेगी,प्रत्येक गांव का प्रत्येक व्यक्ति हर चीजें पारदर्शिता से मोबाइल पर जानकारी रख सकेगा, गांव में प्रॉपर्टी संपत्ति को लेकर के वह आप सभी भली-भांति जानते हैं,स्वामित्व योजना इसी को ठीक करने का प्रयास है इस योजना के तहत देश के सभी गांव में आवासों की ड्रोन मैप पूरे एक-एक संपत्ति की मैपिंग की जाएगी,इसके माध्यम से गांव के व्यक्तियों को उस संपत्ति का मालिकाना हक दिया जाएगा,इससे एक नहीं अनेक लाभों में पहली बात जो प्रॉपर्टी का लेकर विवाद की स्थिति रहती थी।जीवन की कसौटी उसकी सच्ची शिक्षा की परीक्षा संकट के समय ही होती है, इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है, गांव के लोगों ने इस दौरान अपने संस्कारों अपनी परंपराओं की शिक्षा के अद्भुत दर्शन कराएं,गांव से जो जानकारी आ रही है वह बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाली बात है,यह काम आपने किया आपके गांव के प्रत्येक नागरिक ने किया माताओं बहनों ने किया है आदिवासी भाई बहनों ने किया खेत खलिहान में काम करने वालों ने प्रत्येक व्यक्ति ने देश को प्रेरणा देने वाला अद्भुत काम किया है, मैं हिंदुस्तान के हर ग्राम वासियों को प्रणाम करता हूं।