मैं आई॰ए॰एस॰हूँ
ना मुझे अपनी तारीफ़ के लिए अपने ऊपर फूल बरसाना पसंद है और ना ही सड़क पर गाने गाना।
ना मुझे अपनी तारीफ़ सुनना पसंद है और ना आमजन पर लाठी बरसाने का शौक़ ।
मैं संवेदना हूँ,एहसास हूँ, लोगों की आख़री आस हूँ।
मैं राहत हूँ प्राकृतिक आपदा के बीच।
मैं मानवीय भाव हूँ।
मैं आमजन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुचाने का मुख्य मार्ग हूँ।
मैं एक स्वभाव हूँ।
कोई गरीब व्यक्ति विकास की इस दौड़ में पीछे ना रह जाए इस बात को आश्वस्त करने वाला एक विभाग हूँ।
मैं मध्य प्रदेश सरकार का एक अतिमहत्वपूर्ण भाग हूँ।
मैं आपदा में सबसे आगे खड़े रहकर लड़ने वालों में से हूँ।
मैं आपदा की स्थिति में एक राहत की साँस हूँ।
कोई भी व्यक्ति भूखा ना रह जाए यह मेरी ज़िम्मेदारी है।
मैं भूखे का दाना,प्यासे का पानी, गरीब का विश्वास हूँ।
सब करते हुए भी मैं अदृश्य रहता हूँ उस परम पिता परमेश्वर की तरह।
क्यूँकि मैं एक निस्वार्थ भाव हूँ।
चाहे बाढ़ हो,सूखा हो या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा हो।
मैं मदद था,हूँ और रहूँगा।
विकास कार्य हो,योजनाओं का लाभ आमजन तक पहचाना हो,
मैं हमेशा आप सबके साथ हूँ।
क्यूँकि मैं देश का गर्व और राज्य का अभिमान हूँ।
मैं सबमें सबके साथ हूँ क्यूँकि मैं आई॰ए॰एस॰हूँ।
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