*!!.बुंदेलखंड में नहीं रुक रहा रेत का उत्खनन: खनिज निरीक्षक अजय मिश्रा रेत माफियाओं का बना संरक्षक, प्रशासन बेलगाम.!!*

*!!.बुंदेलखंड में नहीं रुक रहा रेत का उत्खनन: खनिज निरीक्षक अजय मिश्रा रेत माफियाओं का बना संरक्षक, प्रशासन बेलगाम.!!*

मध्य प्रदेश में भले ही सरकार को बदले हुए 15 महीने पूरे हो गए हो छतरपुर जिले से तमाम बड़े प्रशासनिक अधिकारी भी बदल गए परंतु बुंदेलखंड के भू भाग से बालू चोरों का चोरी करना बंद नहीं हुआ है l केन एवं धसान नदी को तहस नहस कर अब पानी होने के कारण नदी के किनारे ही खेतों में रेत माफियाओं ने बड़ी बड़ी सुरंग खोद डाली है l प्रधानमंत्री सड़क योजना से लवकुशनगर अनुभाग में बनाई गई 1 दर्जन से अधिक सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई इन सड़कों को तहस नहस करने का सारा श्रेय इन बालू के चोरों को जाता है l मध्य प्रदेश में भले ही रेत व्यापार पर रोक लगी हो क्योंकि अभी नई खनिज नीति में ईटीपी जारी होना थी, जो अभी तक जारी नहीं की गई परंतु बुंदेलखंड में रेत माफियाओं को सरकारी दस्तावेजों की जरूरत ही नहीं पड़ती क्योंकि छतरपुर में जिला खनिज निरीक्षक अजय मिश्रा ने अवैध रेत उत्खनन करवाने का ठेका ले रखा है और पूरे जिले में जोर-शोर से अवैध रेत उत्खनन करवा रहे है l कार्यवाही के नाम पर औपचारिकता करते हुए इक्का-दुक्का कुछ ट्रकों को पकड़कर झूठी वाहवाही कार्यवाही के नाम पर बटोरते हैं l उनकी खनिज निरीक्षक अजय मिश्रा के निवास पर रेत माफियाओं का जमावड़ा लगा रहता है तो यही हाल दफ्तर का है यहां पर वैध काम के लिए खनिज इंस्पेक्टर अजय मिश्रा को फुर्सत ही नहीं क्योंकि वह अवैध कार्यों के लिए व्यस्त रहते हैं l छतरपुर जिले में पदस्थ रहते हुए इन्होंने मोटी कमाई अर्जित कर रखी है, हर जगह अपनी इसी कार्यशैली को लेकर विवादित रहे यही हाल इन्होंने छतरपुर में कर रखा है l जिले के प्रकृति प्रेमी तथा समाजसेवियों ने इनके खिलाफ पुख्ता दस्तावेज तैयार कर रखें और जल्द ही इनका का चिट्ठा प्रशासन के सामने रखा जाएगा हाल ही के दिनों में इन्होंने रेत से भरे अवैध ट्रकों को पकड़ा था उनमें से कई ट्रकों को पैसे लेकर छोड़ दिया  गया है l बुंदेलखंड की प्राकृतिक भूमि को इन्होंने नष्ट करने का बीड़ा उठाया है यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में यहां की जमीन बंजर में तब्दील हो जाएंगी और प्रकृति अपना संतुलन खो देगी रहते ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को जिले से हटाया जाना चाहिए ताकि प्रकृति को बचाया जा सके l