*चरनोई जमीन हड़पने वाले शहर के नामचीन भूमाफिया देवेंद्र अग्रवाल,शरद अग्रवाल पर होगा मामला दर्ज,SDM बोले होगी कार्यवाही*
*बड़ी खबर* छतरपुर-मध्यप्रदेश शासन की जमीन बेचने के मामले में कॉलोनाइजर के खिलाफ गुरुवार को एक एफआइआर दर्ज हो चुकी है, जबकि सरकारी जमीन बेचने के दूसरे मामले में जल्द एफआइआर होने वाली है। ग्राम कदारी में मध्यप्रदेश शासन की चरनोई जमीन बेचने के मामले में कॉलोनाइजर शरद अग्रवाल के खिलाफ भी गुरुवार को सिविल लाइन थाना में धोखाधड़ी और कूटररचना व कूटरचित दस्तावेजों के सहारे लाभ प्राप्त का केस दर्ज हुआ है। शरद अग्रवाल द्वारा छतरपुर पटवारी मौजा में मध्यप्रदेश शासन की चरनोई जमीन पर बनाई जा रही लोटस सिटी के मामले में भू-अभिलेख अधीक्षक पहले ही आपराधिक प्रकरण दर्ज करने और भूमि को राजसात करने के लिए एसडीएम छतरपुर को पत्र लिख चुके हैं
छतरपुर पटवारी मौजा में पन्ना रोड पर 11 एकड़ में बनाई जा रही लोट्स सिटी के कॉलोनाइजर शरद अग्रवाल और देवेन्द्र अग्रवाल के खिलाफ भू-अभिलेख अधीक्षक ने अपराधिक प्रकरण दर्ज करने, जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगाने, भूमि राजसात करने के लिए एसडीएम छतरपुर को 23 जनवरी को पत्र लिखा है। भू-अभिलेख अधीक्षक ने बंदोबस्त वर्ष 1939-40 के रिकॉर्ड के आधार पर चरनोई जमीन पर कॉलोनी बनाए जाना पाए जाने पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। वर्ष 1939-40 के सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार वर्तमान में लोट्स सिटी नाम से पन्ना रोड पर बनाई जा रही कॉलोनी की मध्यप्रदेश शासन की चरनोई जमीन है। जिसे वर्ष 1983-84 में महाराजा भवानी सिंह जू देव का राजा बलबंत सिंह के नाम का फर्जी मुख्त्यारनामा के आधार पर रजिस्ट्री कराई गई। जबकि महाराजा भवानी सिंह जू देव ने वर्ष 1989 में 14 दिसंबर को लिखित में तहसीलदार को बताया था कि उनके द्वारा न कोई जमीन बेची गई है। न किसी को इसके लिए अधिकृत किया गया। फिर इसके बाद वर्ष 2008-09 में सुरेश चंद्र से 11 एकड़ जमीन लता अग्रवाल और रश्मि असाटी के नाम खरीदी गई। जिस पर लोटस सिटी नाम से देवेन्द्र अग्रवाल और शरद अग्रवाल कॉलोनी बना रहे हैं। सरकारी जमीन पर कॉलोनी बनाने को लेकर प्रशासन इसे राजसात करने की तैयारी कर रहा है। पत्र में शरद अग्रवाल और देवेन्द्र अग्रवाल का नाम लेख किया गया है।
इसकी हो रही जांच
शरद अग्रवाल की जटाशंकर इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बस स्टैंड के पास बनाए जा रहे व्यावसायिक कॉम्लैक्स के मामले में भी जांच चल रही है। खसरा नंबर 242,242,244,245 और 248 के बटांक वाले कुल 21 खसरा नबंर वाले 1.809 हेक्टेयर रकबा वाली इस जमीन में राजस्व रिकॉर्ड में जमीन दूसरों के नाम और डायवर्सन के बाद शरद अग्रवाल एवं दो लोगों के नाम चढऩे और के मामले में शिकायत की जांच की जा रही है। भू-परिवर्तन में गड़बड़ी की शिकायत युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहम्मद अली ने की थी। जिसकी जांच के लिए नजूल अधिकारी ने एसडीएम छतरपुर को पत्र लिखकर जांच करने के लिए 30 नवंबर को कहा था। इस मामले की भी जांच चल रही है।
*पत्र मिल गया है*
लोटस सिटी मामले में शासकीय जमीन पर कॉलोनी बनाने पर भूमि राजसात करने, क्रय-विक्रय रोकने और एफआइआर करने के लिए भू-अभिलेख अधीक्षक का पत्र आया है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
*अनिल सपकाले, एसडीएम*