*जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के बीच मतभेद होने से अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा गणतंत्र दिवस समारोह*
*पुलिस अधिकारियों को कलेक्टर ने नहीं किया सम्मानित*
*छतरपुर*। जिला मुख्यालय पर आयोजित गणतंत्र दिवस के वार्षिक समारोह के दौरान पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति द ेखने को मिली। लंबे अर्से से कलेक्टर मोहित बुंदस और एसपी तिलक सिंह के बीच मतभेदों की चर्चाएं चल रही थीं। आखिरकार 26 जनवरी को दोनों विभागों के बीच समन्वय की कमी और आपसी वैमनस्यता उभरकर सामने आ गई। दरअसल इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जिला प्रशासन ने पुलिस प्रशासन से अधिकारियों की सूची मांगी थी। इस सूची के तहत पुलिस प्रशासन की ओर से 12 अधिकारियों के नाम मंच से सम्मानित करने के लिए जिला प्रशासन को सौंपे गए थे लेकिन ऐनवक्त पर कलेक्टर मोहित बुंदस ने सभी के नाम काट दिए और सिर्फ ओरछा रोड टीआई अरविंद दांगी को ही मंच से सम्मानित कर दिया। इस बात पर कार्यक्रम में मौजूद डीआईजी अनिल माहेश्वरी ने कलेक्टर मोहित बुंदस से अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए आग्रह भी किया फिर भी उन्होंने उनकी बात को नहीं माना। ऐसा ही आग्रह विधायक आलोक चतुर्वेदी के द्वारा भी किया गया लेकिन फिर भी कलेक्टर ने उनकी बात नहीं रखी। इसके बाद डीआईजी अनिल माहेश्वरी एवं विधायक आलोक चतुर्वेदी ने सम्मान के लिए बुलाए गए 12 पुलिस अधिकारियों को मंच से नीचे उतरकर खुद ही सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में एसपी तिलक सिंह भी शामिल नहीं हुए। स्वास्थ्य कारणों के चलते वे इस कार्यक्रम से नदारद रहे। इस आपसी कड़वाहट के बाद कार्यक्रम में एक और लापरवाही नजर आयी जब विभिन्न शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए विभागों द्वारा झांकी निकाली गईं। इन झांकियों में छतरपुर नगर पालिका की भी झांकी शामिल थी लेकिन झांकियों के पुरस्कार वितरण के लिए जो मूल्यांकन किया गया उस मूल्यांकन सूची में छतरपुर नगर पालिका की झांकी का नाम ही गायब था। इस बात पर भी विधायक आलोक चतुर्वेदी ने कार्यक्रम में ही नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर मोहित बुंदस इस गलती पर एडीएम प्रेम ङ्क्षसह चौहान को खोजते नजर आए। कुल मिलाकर गणतंत्र दिवस का यह कार्यक्रम कई अनियमितताओं से भरा हुआ रहा। वहीं दूसरी ओर संास्कृतिक कार्यक्रम में नंबर वन स्कूल की प्रस्तुति को कलेक्टर की पसंद का गीत बताकर तृतीय पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा कलेक्टर चहेते भ्रष्ट अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। जो कि पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा। फिलहाल पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच फैले असंतोष एवं मतभेद के कारण दोनों प्रशासनिक अधिकारियों के बीच काफी मनमुटाव हो चुका है। हो सकता है। एक दो दिन में कोई प्रशासनिक अधिकारी रात के अंधेरे में पिट सकता है।