ग्वालियर के प्रशासनिक मुखिया कलेक्ट एवं पुलिस कप्तान की गजब कार्यशैली................
जब सरकारें बदलती है तो निश्चित रूप से प्रशासन संभाल रहे अधिकारियों को परेशानी के दौर से गुजरना पडता है क्योंकि नई सरकार पहले से काम कर रहे अधिकारियों को पूर्व की सरकारों का नुमाइँदा समझती है तो नई सरकार के हिसाब से चलने पर विपक्ष मानता है कि अधिकारियों अब अपना रंग दिखा रहे है। लेकिन ग्वालियर के प्रशासनिक मुखिया यानि कलेक्टर अनुराग चौधरी एव पुलिस कप्तान श्री नवनीत भसीन का इस मामले में मैनेजमेंट गजब का है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के दो माह बाद जिले की कलेक्टरी संभालने के बाद से अब तक कोई बखेडा उनके नाम पर खडा नही हुआ है सरकार के विधायक और मंत्रियों की शिकायतें भी नगर निगम प्रशासन के खिलाफ ही रही है लेकिन कलेक्टर अनुराग चौधरी एव पुलिस कप्तान श्री नवनीत भसीन की कार्यशैली को लेकर अब तक कोई भी विधायक या मंत्री मुखर नही हुआ है। यानि अब तक सार्वजनिक तौर पर या अंदरखाने से ऐसी खबरें नही आई है।
विपक्ष को भी कलेक्टर एवं पुलिस कप्तान से शिकवा नही
15 साल तक सरकार में रही बीजेपी अब विपक्ष में है ऐसे में प्रशासनिक तंत्र से तमाम मुद्दों पर प्रशासन को घेरा जा सकता है। लेकिन पिछले 9 महीनों में प्रशासनिक मुखिया के नाते कलेक्टर अनुराग चौधरी एव पुलिस कप्तान श्री नवनीत भसीन के खिलाफ विपक्ष भी खडा नही हुआ। न ही किसी जनहित के मुद्दे पर ही उन्हे घेरा जा सका है। दरअसल विपक्ष फिलहाल आक्रामक मोड में भी नही है दूसरा उन्हे कलेक्टर एव पुलिस कप्तान की तरफ से ऐसा कोई मौका भी नही मिला। जिससे विपक्ष प्रशासनिक नाकामी बताने के लिए कोई आंदोलन या विरोध प्रदर्शन कर सके। बीजेपी की तरफ से जो कुछ प्रदर्शन हुए भी है वो सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ ही थे। प्रशासन के खिलाफ एक भी आंदोलन अभी तक नही हुआ है। इसे एक जिलाधीश का अच्छा मैनेजमेंट कहा जा सकता है।
मंत्री विधायकों को भरोसे में लेकर प्लानिंग
शहर के विकास को लेकर की जा रही प्लानिंग को लेकर कलेक्टर चौधरी मंत्री विधायकों को भरोसे में लेकर चल रहे है जिले में किसी जगह का निरीक्षण हो, अधिकारियों के लेकर बैठक हो या फिर विकास कार्यों की समीक्षा हो, ज्यादातर मौकों पर शहर में मौजूद सरकार के जनप्रतिनिधियों को उसमें आमंत्रित कर लिया जाता है। और अगर मंत्री विधायक कहीं निरीक्षण या बैठक करना चाहते है तो कलेक्टर चौधरी उसे भी तत्काल पूरा करते है हांलाकि ये बात अलग है कि विकास कार्यों के लिए जो मुखिया के नाते विजन होना चाहिए, इसमें निर्णय उनका ही होता है लेकिन उस निर्णय को लेकर उन सभी माननीयों को संतुष्ट करने की कला भी डीएम साहब बडी खूबी से निभा जाते है।
चुनिंदा अधिकारियों के साथ वर्किंग की चर्चा
भारतीय प्रशासनिक सेवा से चुनकर आए कलेक्टर चौधरी कुछ कामों के लिए चुनिंदा अधिकारियों पर भरोसा करने के लिए चर्चा में जरूर रहते है। हांलाकि जिन चुनिंदा अधिकारियों के साथ उनकी वर्किंग कुछ खास मुद्दों पर है वो मुद्दे भी बडे खास हैं।..................................
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