छतरपुर, रेत के अवैध कारोबारियों ने बड़े नेताओं और जिले के अधिकारियों को कारोबार में हिस्सेदार बनाकर एक सिंडीकेट बना लिया है। इस सिंडीकेट के संरक्षण में खुलेआम केन नदी में पोकलेन मशीनों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। अधिकारियों के संरक्षण में कारोबारी नदी को ही खत्म करने पर आमादा हैं। नदी में इन दिनों पानी भरा है इसके बावजूद घाट में भारी मशीनों को उतार दिया गया है और लगातार अवैध खनन किया जा रहा है। इसके बावजूद खनिज और राजस्व विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
केन नदी के तमाम घाटों पर अवैध कारोबारियों ने नदी के बीचों बीच मशीनें उतार दी हैं। पानी भरा होने के कारण नदी के बीच तक हजारों ट्रक मिट्टी डालकर सड़क बनाई गई है। अब दर्जनों पोकलेन मशीनों से खुलेआम उत्खनन किया जा रहा है। उत्खनन करके हर दिन सैकड़ों ट्रकों में रेत भरकर उप्र सप्लाई की जा रही है। इस अवैध उत्खनन की अधिकारियों को जानकारी है फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। खनिज विभाग द्वारा ग्राम पंचायत को स्वीकृत खदान में यह शर्त है कि वे मशीनों से रेत खनन नहीं कर सकते हैं। इससे स्पष्ट है कि नदी के बीचों बीच भारी मशीनें चलना पूरी तरह से अवैध है। फिर भी पिछले दिनों से लगातार भारी मशीनें खनन में जुटी हुई हैं। इसके बावजूद प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। गाैरतलब है बुंदेलखंड अंचल में रेत का काला कारोबार चरम पर है। हालांकि प्रशासन कार्रवाई करता है लेकिन माफिया भारी हैं।
*क्या है सिंडीकेट*
रेत कारोबारियों ने जिले के बड़े नेताओं के संरक्षण में एक ग्रुप (सिंडीकेट) बना लिया है। इस सिंडीकेट के संरक्षण के बगैर कोई रेत का उत्खनन नहीं कर पा रहा है। इसमें विधायकों के साथ जिला प्रशासन के आला अधिकारी हिस्सेदार हैं। हर रेत खदान संचालक को मुनाफे की 40 से 50 फीसदी रकम सिंडीकेट को अदा करना पड़ती है। सिंडीकेट द्वारा एकत्रित की गई रकम। हिस्सेदारों के बीच वितरित की जाती है। जो भी सिंडीकेट के संरक्षण के बगैर रेत खनन का वैद्य या अवैद्य रूप से खनन का प्रयास करता है। तत्काल उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
*छतरपुर में नदियों से रेत का उत्खनन जारी है*
*रेत भरने के लिए टोकन लेकर लाइन में खड़े होते हैं ट्रक* *पोकलेन मशीनों से नदियों को छलनी किया जा रहा है*