BAलू

"बालू नाम की लूट हैं सत्ताधारी (कांग्रेसी) लूट सके तो लूट 15 साल बाद मौका मिला कोई बङा कांग्रेसी न जाये छूट" 
राजनैतिक सियासत में अपने बने मुसीबत, मुख्यमंत्री कमलनाथ हुए कैबिनेट मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर से नाराज: छतरपुर बैठक में हुआ था कांग्रेसियों का हंगामा रेत खनन के लगे आरोप, अंजाम भुगतने की दी चेतावनी
बुंदेलखंड में कांग्रेस की आंतरिक कलह सड़क पर दिखने लगी है, छतरपुर में हंगामे को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ नाराज हो गए हैं, 15  सालों बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस गुटबाजी और अंतरकलह से उभर नही पा रही है। पर आए दिन कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच विवाद और बैठक में हंगामे की खबरें सुर्खियां बन रही है। ताजा मामला छतरपुर से सामने आया है।जहां कार्यकर्ताओं ने अपनी उपेक्षा के आरोप लगाकर सहप्रभारी के सामने ही हंगामा करना शुरु कर दिया। इस दौरान प्रभारी मंत्री भी मौजूद रहे।जब कार्यकर्ता हंगामा कर रहे थे तो सहप्रभारी सुधांशु त्रिपाठी, जिले के प्रभारी मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर और बैठक में मौजूद विधायक मौन बैठे रहे। दरअसल, जिले में काफी दिनों बाद कांग्रेस ने बड़ी और खास बैठक बुलाई थी।जिसमें मध्य प्रदेश के सहप्रभारी सुधांशु त्रिपाठी और जिले के प्रभारी मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर शामिल हुए। बैठक में कार्यकर्ता पूरे समय असंतुष्ट दिखाई दिए और हंगामा करना शुरु कर दिया। उधर कांग्रेसियों ने स्थानीय विधायकों और  खनिज विभाग पर रेत माफियाओं का  सहभागी होने का आरोप भी लगाया l बैठक में कार्यकर्ताओं ने सहप्रभारी पर अनदेखी का आरोप लगाया।आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी पहले देश नहीं अपने कार्यकर्ताओं को बचाए तो ज्यादा सही होगा। यदि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का यही हाल रहा तो कार्यकर्ताओं की नाराजगी का खामियाजा पार्टी को आगामी निकाय चुनाव में भुगतना पड़ेगा। बैठक में कांग्रेस की महिला जिला अध्यक्ष ने भी सहप्रभारी को जमकर खरी खरी सुनाईं। नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यकर्ताओं का कहना था कि पार्टी में उनकी हर मोर्चे पर बराबर उपेक्षा की जा रही है। जो चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। वे भी कार्यकर्ताओं को कोई खास तवज्जो नहीं दे रहे हैं।  काफी देर तक हंगामे की यह स्थिति बनी रही। जब कार्यकर्ताओं की मन की भड़ास निकल गई तब हालात सामान्य हो सके ।