नैतिकता से परे राजनीतिक महत्वकांक्षा


अब हम साथ मिलकर भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करेंगे😎😃😃😃😃😃😃😃


सिंचाई घोटाले का है आरोप........
2010 में कांग्रेस एनसीपी की सरकार में अजित पहली बार उपमुख्यमंत्री बने, लेकिन दो साल बाद घोटाले के आरोप पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. 2018 में महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो ने अजित पवार को 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में आरोपी ठहराया था


बैंक डायरेक्टर रहते हुए लगे आरोप.......
अजित पवार पर यह भी आरोप है कि जब वे महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर थे तो बैंक ने कई चीनी मिलों को कम दरों पर कर्ज दिया था. बाद में मिलों ने अपने आपको दिवालिया घोषित कर दिया था.आरोप है कि इन संपत्तियों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका दोबारा भुगतान नहीं होने से बैंक को 2007 से 2011 के बीच करीब 25 हजार करोड़ का नुकसान हुआ!


अजित पवार पर ये केस लगे हुए हैं...


धारा 420
ठगी और बेईमानी 


धारा 409
बैंक, व्यवसाय़ी या अफसर को विश्वास में लेकर धोखा देना 


धारा 406
आपराधिक विश्वास हनन 


धारा 465
धोखाधड़ी 


धारा 467
बड़ी रकम या कीमती वस्तुओं के लिए ठगी


कुल मिलाकर देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी के नेता अपनी सभाओं में खुलेआम अजित पवार को जेल भिजवाने की बात करते थे.....
लेकिन अब उन्हीं के साथ सरकार बना ली है।