#किसानआक्रोशआंदोलन
मध्यप्रदेश के किसान बदहाल हैं, लेकिन प्रदेश सरकार को कतई उनकी चिंता नहीं है।
❌बारिश से बर्बाद हुई फसलों का तत्काल मुआवजा दिया जाना चाहिए था, नहीं मिला
❌बिजली का बिल आधा करने की बात कही थी, लेकिन किसानों के बिजली बिल बढ़कर आ रहे हैं। बिजली का बिल आधा नही हुआ।
❌किसान कर्जमाफी के झूठे वादे का भी शिकार हुए हैं। किसानों के कर्ज माफ़ नही हुए।
❌भीषण बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ, लेकिन किसानों की सुध लेने के लिए मुख्यमंत्री या सरकार का कोई मंत्री उनके खेतों तक नहीं पहुंचे। ना सर्वे हुआ, न मुआवजा मिला।
इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने यह तय किया है कि किसानों की उपेक्षा के खिलाफ पार्टी 4 नवंबर को किसान आक्रोश आंदोलन करेगी, जिसमें प्रदेश के किसान और पार्टी कार्यकर्ता एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे तथा बिजली के बढ़े हुए बिलों की होली जलाई जायेगी।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी यह स्वीकार किया है कि कर्जामाफी नहीं हुई है। बिजली के बिल भी अनाप-शनाप आ रहे हैं।
किसानों की इस बदहाली और सरकारी उपेक्षा के प्रति आक्रोश व्यक्त करने के लिए 4 नवंबर को प्रदेश के प्रत्येक जिले में किसान आक्रोश आंदोलन किया जायेगा।