वही शून्य है वही एकाय जिसके भीतर बसा शिवाय

: *शिव ही मेरी कामना ,शिव ही मेरा कर्म है*
*शिव ही मुझमे कठोर और शिव ही मेरा मर्म है*
*शिव मेरा जीवन और शिव ही मेरे विचार है*
*शिव मेरी करुणा,शिव ही तो मेरा प्यार है...*
*शिव मेरी चेतना,शिव मेरा ध्यान है ..*
*शिव मेरा धैर्य ,शिव ही मेरा स्वाभिमान है।*
  : ”ओं नमः शंभवाय च , मयोभवाय च ।  
   नमः शंकराय च मयस्कराय च । 
    नमः शिवाय च शिवतराय च ।।”
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।
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