अयोध्या में रामजन्म भूमि / बाबरी मस्जिद प्रकरण की सुनवाई बहुत तेजी से चल रही है । सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई नवम्बर 2019 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं । वे इस प्रकरण की सुनवाई शीघ्र पूरी कर निर्णय देने के लिए आतुर दिख रहे हैं । आज लगातार सुनवाई का 40 वां और अंतिम दिन है । मामला बहुत पेचीदा है । इसमें करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी है क्योंकि वे मानते हैं कि वहाँ भगवान राम का जन्म हुआ था । पौराणिक काल इतिहास नहीं , आस्था पर आधारित है । सुप्रीम कोर्ट भी पहली बार आस्था को स्वीकार करते हुए अपना निर्णय देते हुए दिख रहा है । इस प्रकरण में किसी भी पक्ष में निर्णय होगा वह दूसरे पक्ष को स्वीकार नहीं होगा । यदि मुसलमानों के खिलाफ फैसला होता है तो देश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बहुत अधिक नहीं बिगड़ेगी , जिस तरह अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को हटा कर तथा जम्मू कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाकर वहाँ के असंतोष को सेना के बल पर दबा दिया गया है , मुसलमानों के इस असन्तोष को भी दबा दिया जायेगा । दिक्कत तब होगी , जब फैसला हिंदुओं के खिलाफ होगा । देश में कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी भयावह होगी जिसकी कल्पना भी नहीं कि जा सकती , क्योंकि पिछले 5 साल में भावनाओं को उभारने का काम देश में बखूबी किया गया है । हिंदुओं के खिलाफ फैसला होने पर सरकार कानून द्वारा विवादित भूमि का कब्जा हिंदुओं को दिलायेगी । बहरहाल फैसला कुछ भी हो , कैसे भी हो , सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णय पारित कर या संसद द्वारा कानून बनाकर , देश में दोनों समुदायों के बीच कटुता और बढ़ेगी । कल की यह तस्वीर साफ साफ दिख रही है । ऐसे में यह उचित होगा कि मुसलमान भी भविष्य की इस तस्वीर को देखें , समझें और स्वेच्छा से विवादित भूमि राम जन्मभूमि के लिए छोड़ दें । मुसलमानों के लिए मस्जिद आस्था से जुड़ी होती है किंतु इस मस्जिद का कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं है , जबकि करोड़ों हिंदुओं की आस्था इसे भगवान राम की जन्मभूमि मानती है । यदि मुसलमान स्वेच्छा से वह भूमि छोड़ते हैं तो वातावरण सामान्य हो सकता है किन्तु मुसलमान इस बात से आशंकित हैं उग्र हिंदुत्व वादी सरकार इस निर्णय का भी राजनीतिक लाभ लेकर आगे मथुरा और काशी के मुद्दे उठाकर आगे भी अपना राजनीतिक अभियान जारी रखेगी और देश में अशांति और आशंका का वातावरण आगे भी रहेगा । मुझे लगता है कि कुछ भी निर्णय हो देश का अधिकांश भूभाग उलपुथल भरा रहेगा और प्रशासन को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लम्बे समय तक संघर्ष करना पड़ेगा । जयहिंद ।
श्री राम जन्मभूमि केस