संयुक्त राष्ट्रसंघ में देश से दो महिला सरपंच का प्रेजेंटेशन

, भोपाल से भक्ति शर्मा भी पहुंची


भोपाल। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भारत में महिला सशक्तिकरण का मॉडल समझा। इसके लिए पूरे देश से महज दो महिला सरपंच संयुक्त राष्ट्रसंघ जनरल एसेम्बली के 74वें सम्मेलन में प्रेजेंटेशन देने पहुंची थी। इसमें भोपाल की बरखेडी-औबदुल्लागंज पंचायत की महिला सरपंच भक्ति शर्मा और हिमाचल प्रदेश की मंडी पंचायत की सरपंच कलादेवी शामिल हैं। भोपाल की भक्ति ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने यहां पंचायत में महिला सशक्तिकरण के लिए कामों का प्रेजेंटेशन दिया। भक्ति ने बताया कि किस तरह पंचायत क्षेत्र में महिलाओं के आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण के लिए काम किए।


इस पर संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिनिधियों ने पूछा कि जब पंचायत में पुरूष बराबर काम नहीं कर पाते, तो महिलाएं किस तरह इतना चुनौतीपूर्ण काम कर पाती है। इस पर भक्ति ने जवाब दिया कि महिलाएं क्षेत्र को परिवार की तरह मानकर काम करती है, इसलिए ज्यादा बेहतर तरीके से कनेक्ट हो जाती है। पुरूष सरपंच राजनीति में उलझ जाते हैं। वहीं मंडी-हिमाचल की कलोदवी ने रूढ़ीवादी प्रथा को तोड़कर पंचायत क्षेत्र में किए गए महिला सशक्तिकरण के मॉडल का प्रेजेंटेशन दिया।


ऐसे हुआ था चयन


यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्रसंघ की महिला विंग ने आयोजित किया था। इसमें भारत के पंचायती राज मंत्रालय को महिला सशक्तिकरण को लेकर बुलाया गया था। इसलिए भारत के पंचायती राज मंत्रालय के एडीशनल सेकेट्री संजय सिंह व ज्वाइंट सेकेट्री आलोक प्रेम नारंग गए थे। संयुक्त राष्ट्रसंघ महिला विंग की गर्वनेंस हेड अरुणा सेन एक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश आई थी, तब भक्ति शर्मा के काम से वे प्रभावित हुई थी। इसलिए उन्होंने भक्ति को इस प्रतिनिधित्व के लिए भेजा।


इस सम्मेलन में जाने के लिए अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ के साथ नवाचार व महिला सशक्तिकरण सहित अन्य पैमाने थे। इस पर भक्ति का चयन हुआ। सम्मेलन में पहले भारत की ओर से पंचायती राज मॉडल को समझाया गया। इसमें बताया गया कि देश में त्रिस्तरीय पंचायती राज किस तरह संचालित है। भक्ति ने बताया कि देश में 44 फीसदी महिला आरक्षण है, जबकि मध्यप्रदेश में 50 फीसदी महिला आरक्षण हैं। साथ ही प्रदेश में किस प्रकार महिला सशक्तिकरण पर काम हो रहा है यह भी बताया।
डॉसौरभ मिश्रा