क़त्ल संघी का

- संघ कार्यकर्ता के परिवार की बेरहमी से हत्या। 


जरा सोचें, कि किसी पत्नी के सामने जब उसके पति और बच्चे को जब तलवार से काटा जा रहा होगा तो उसे कैसा लग रहा होगा। जब एक माता-पिता के सामने उनके आठ साल के मासूम पर तलवार चलाई जा रही होगी, तो उन पर क्या बीत रही होगी। यकीनन कुछ लोगों के लिए यह खबर ज्यादा मायने रखती। इसकी चर्चा करना भी उनके लिए पाप है। फेसबुक न होता, तो शायद हम लोग इससे अंजान ही रहते। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की यह घटना भारत के अंदर पल रहे सीरिया को सामने रख रही है। हालांकि इस पूरे मामले में ममता सरकार के बराबर दोषी भाजपा भी है, जिसके 18 सांसद इसी मुद्दे पर चुनाव जीतकर आए और अब इसे लेकर मुंह में दही जमाए बैठे हैं।