मेरी सखी

*मेरी कोई भी सखी*
*बूढ़ी नहीं हुई* ....!👭👭👭


सच्चाई  में  ढ़ली हैं , 
सब अब भी मनचली हैं ।
कृपा है सब पे रब की ,
पर्वत सी सब खड़ी हैं ।


ना दर्द कोई दिल में , 
छा जाऐं वो महफिल में । 
वो सबके काम आयें ,
जो भी हो मुश्किल में । 


ना ही कोई  है घमंडी ,
ना ही पैसे का ग़ुरूर ।
यारों  के काम आयें ,
बस ये ही इक सुरुर  ।


इक दूसरे पे जान ये ,
छिड़कती हैं सब की सब ।
मिलते ही ये कहेंगी ,
फिर,अब मिलेंगे कब । 


कोई पी रही है ग्रीन टी, 
कोई बन गयी है साधिका ।
 पर सब जी  रही  हैं ,
मस्ती में उड़ रही है ।


बालों में डाई सबके , 
हाई हील्स में सब मटके॑।
लाली  ये  दोस्ती  की ,
पर चेहरे पे  छाई सबके ।


बच्चे  हैं  बराबर  के ,
और सब ही सयाने हैं ।
पर शाहरुख से रनबीर  तक ,
ये अब भी सबकी  दीवानी  हैं ।


हे  प्रभु , मेरे  ख़ुदा तू ,
इन सबको स्वस्थ रखना ।
जितनी थीं कभी पहले ,
इन्हें और मस्त रखना ।
इन्हें और मस्त रखना ।
..... *मेरी कोई भी सखी*
      *बूढ़ी नहीं हुई* ।।☺