लोकतंत्र कश्मीर में किस हश्र को हासिल है, यह खुले घाव की तरह उन सबको दिख रहा है जिनकी आंखों पर अंधराष्ट्रवाद के भगवा अथवा काले चश्मे नहीं चढ़े हैं। कश्मीर समस्या के समाधान का एक रास्ता यह भी था कि हिंसक और अहिंसक अलगाववादी भावनाएं व उनके चलते सक्रिय लोग तथा शक्तियां इतनी कमजोर हो जातीं कि उनकी कोई प्रासंगिकता ही ना रह जाती। यह समाधान संगीनों की दहशत की बजाए वहां के लोगों का विश्वास जीत कर ही संभव था।
लोकतंत्र कहा है