जय माई की

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव सवंत्सर २०७६
नवरात्र एवं नववर्ष की हार्दिक बधाई
    🙏🌷जय माई की🌷🙏
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जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते।।


इस श्लोक के माध्यम से देवी दुर्गा के ११ नामो की स्तुति की गयी है।
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१) जयंती - जिसकी हरदम जीत होती है। 
२) मंगला - मंगल और शुभत्व देने वाली है। 
३) काली - समय और काल से परे है। 
४) भद्रकाली - काल से परे जन्म और मृत्यु की नियामक  है। 
५) कपालिनी - कपाल ("नर मुंडों") की माला पहने हुए है। 
६) दुर्गा - कठोर दुःख का नाश करने वाली है। 
७) क्षमा - क्षमाशील क्षमा की प्रतिमूर्ति है। 
८) शिवा - सदा शुभत्व देने वाली शिव की पत्नी है। 
९) धात्री - जो सबका पालन करने वाली है। 
१०) स्वाहा - स्वाहा के रूप में सभी देवो पर चढ़ाये गए भेंट अंततः माँ दुर्गा को ही प्राप्त होते हैं। 
११) स्वधा - पितरों को अर्पित किये गए भेट को भी अंतिम रूप से वही स्वीकार करती है।