जनता ने नकारा फ़र्ज़ी राष्ट्रवाद

अभी मोदी सभी चैनल पर लाइव आ रहे थे । महाराष्ट्र और हरियाणा की जीत बयां कर रहे थे, लेकिन उनकी बॉडी लैंगवेज कुछ और कह रही थी । उनका मन यह सोचकर व्यथित है कि जिस पार्टी से वे देश को मुक्त कराने की बात कर रहे थे , उस पार्टी ने बगैर किसी प्रयास के पसीने छुटा दिए । न अनुच्छेद 370 का हटाना काम आया , न तीन तलाक समाप्त करना , न दिन रात हिन्दू मुस्लिम कहना , न सेना का मतदान के एक दिन पूर्व किया गया शौर्य काम आया , न शरद पवार समेत विपक्ष के अनेक बड़े नेताओं को ई डी और सी बी आई  द्वारा घेरना , न अमरीका में जाकर हाउडी हाउडी करना , न सावरकर को भारत रत्न देने की बात कह कर इमोशनल खेल खेलना और न ही कोई अन्य फितरत । उन्हें खतरे की घंटी सुनाई दे गई । जयहिंद ।