धर्म

जाने आप किस ग्रह के कारण परेशान है,और इस का क्या उपाय है।  
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(1)👉 अगर कोई व्यक्ति हृदय रोग,उदर से सम्बंधित विकार, आँखों से सम्बंधित रोग, धन नाश, ऋण का बोझ, मान हानि, अपयश, ऐश्वर्या नाश आदि समश्या से पीड़ित है तो यकीन कीजिये ऐसे व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ है, ऐसे व्यक्ति को नित्य सूर्य नमस्कार, सूर्य पूजा, हरिवंश पुराण आदि का पाठ करना चाहिये         


(2)👉 यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से तनाव में रहता हो, मन की दशा कमजोर हो, शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशानी, फेफड़ा से सम्बंधित रोग, माता की बीमारी से कष्ठ, सर में दर्द आदि रोगों से पीड़ित हो तो निश्चित रूप से ऐसा व्यक्ति चंद्र ग्रह के अशुभ परिणाम से पीड़ित है, ऐसे व्यक्ति को कुल देवी या कुल देवता की उपासना करनी चाहिये                       


(3)👉 अगर किसी व्यक्ति का अपने भाई बंधुओ से विरोध चल रहा है, अचल संपत्ति में विवाद हो रहा है, घर में कोई पुलिस की करवाई चल रही हो, घर में आगजनी, हिंसा, चोरी, अपराध आदि परेशानी से पीड़ित है तो ऐसा व्यक्ति निश्चित रूप से मंगल ग्रह के अशुभ परिणाम से पीड़ित है, ऐसे व्यक्ति को हनुमान जी की उपासना करनी चाहिये, जैसे सुन्दर कांड, हनुमान बाहुक,हनुमान चालीसा, हनुमान स्त्रोतम, का नित्य पाठ करना चाहिए।                                    


(4)👉 अगर कोई व्यक्ति,पथरी रोग, बवासीर, ज्वर, गुर्दा, दन्त रोग से पीड़ित है तो निश्चित ही वह बुध ग्रह के अशुभ परिणाम से पीड़ित है, ऐसे व्यक्ति को दुर्गा सप्तसती के कवच, अर्गला, कीलक, स्त्रोत का नित्य पाठ करना चाहिए                                    


(5)👉 अगर कोई व्यक्ति,पुत्र हानि, संतान में बाधा,विवाह में बाधा,स्वजनों से वियोग, घर में पत्नी से तनाव,पीलिया,आधा सिशी के ज्वर, हड्डी पीड़ा, पुरानी खांसी आदि से पीड़ित है तो ऐसा व्यक्ति निश्चित ही गुरु के अशुभ परिणाम से पीड़ित है, ऐसे व्यक्ति को हरिवंश पुराण, या श्रीमद भागवत का पाठ करना चाहिए      


(6)👉 अगर कोई व्यक्ति भूत परैत बाधा,बिसधर जंतु, सेक्स, संतान उत्पन करने में असमर्थ, अतिसार,अजरणः, वायु प्रकोप आदि से पीड़ित है तो ऐसा व्यक्ति निश्चित ही शुक्र ग्रह के अशुभ परिणाम से पीड़ित है, ऐसे व्यक्ति को नित्य लक्ष्मी जी की पूजा उपासना करनी चाहिए।        


(7)👉 अगर किसी व्यक्ति का अपनी पत्नी से मनमुटाव चल रहा है, गुप्त रोग, अग्नि कांड,दुर्घटना,अयोगय संतान, आँखों में कष्ठ, पेचिस,दमा, मधुमेह, मूत्र विकार, ब्लड प्रेसर,कव्ज, कमजोर दिल,आदि से परेशान है, तो ऐसा व्यक्ति निश्चित ही शनि ग्रह के अशुभ परिमाण से पीड़ित है, ऐसे व्यक्ति को मांस, मदिरा, तंबाकू आदि से दूर रहना चाहिए, और भैरव देवता की पूजा करनी चाहये।
                                         
(8)👉 अगर कोई व्यक्ति, भूत परैत बाधा से पीड़ित है,वैराग्य, ज्वर,वैधव्य, विदेश यात्रा, मिरगी, सिर पर चोट, राजकोप, मानसिक रोग, टीवी,बवासीर, आदि से पीड़ित है तो निश्चित ही ऐसा व्यक्ति राहु ग्रह के अशुभ परिणाम से पीड़ित है, ऐसे व्यक्ति को कन्यादान,गणेश जी की पूजा,कन्याओं की शादी में पैसा दान करना चाहीये।                                           


(9)👉 अगर कोई व्यक्ति घुटनो के दर्द, मूत्र विकार, अजरण, आमवात, मधुमेह, ऐश्वर्या नाश, कर्ज, पुत्र कष्ठ से पीड़ित है तो निश्चित ही वह केतु ग्रह के अशुभ परिणाम से पीड़ित है, ऐसे व्यक्ति को गाय की बछिया का दान, अथवा गणेश जी अथवा गुरु की पूजा करनी चाहिए।
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