#ब्राह्मणों_को_कोसने_वालों_इतिहास_को_ठीक_से_पढ़_लो..।।
त्रेता युग में क्षत्रियों का शासन था !
महाभारत काल मे यादव क्षत्रियों का शासन था !
उसके बाद दलित-मौर्य और बौद्धो का राज था !
उसके बाद 600 साल मुसलमान बादशाह (अरबी लुटेरों) का राज था
फिर 300 साल अंग्रेज राज था,
पिछले 67 वर्षों से अंबेडकर का संविधान राजकाज चला रहा है़।
लेकिन फिर भी सब पर अत्याचार ब्राहमणों द्वारा किया गया... अमेजिंग ।
मूर्खता की कोई सीमा नही!!
#ब्राह्मणों_को_गाली_देना__कोसना__उन्हें__कर्मकांडी__पाखंडी__लालची__भ्रष्ट__ढोंगी__जैसे__विशेषणों_के_द्वारा__अपमानित_करना_आजकल_ट्रेंड_में_है।
कुछ लोग ब्राह्मणों को सबक सिखाना चाहते हैं, कुछ उन्हें मंदिरों से बाहर कर देना चाहते हैं.. वगैरह-वगैरह।
कुछ कथित रूप से पिछड़े लोगों को लगता है कि ब्राह्मणों की वजह से ही वो 'पिछड़े' रह गये, दलितों की अपनी दलीलें हैं, कभी-कभी अन्य जातियों के लोगों के श्रीमुख से भी इस तरह की बातें सुनने को मिल जाती हैं।
#आमतौर_से_ये_धारणा_बनाई_जा_रही_है कि ब्राह्मणों की वजह से समाज पिछड़ा रह गया, लोग अशिक्षित रह गये, समाज जातियों में बंट गया, देश में अंधविश्वासों को बढ़ावा मिला.. वगैरह-वगैरह।
आज, ऐसे सभी माननीयों को हृदय से धन्यवाद देते हुए मैं आपको जवाब दे रहा हूं...
इस वैधानिक चेतावनी के साथ कि मैं किसी प्रकार की जातीय श्रेष्ठता में विश्वास नहीं रखता।
लेकिन आप जान लीजिये- #वो__कौटिल्य_जिसने__संपूर्ण__मगध__साम्राज्य_को_संकटों_से_मुक्ति_दिलाई,
#देश_में__जनहितैषी__सरकार_की__स्थापना_कराई__भारत_की_सीमाओं_को_ईरान_तक_पहुंचा द_या और #कालजयी_ग्रन्थ___अर्थशास्त्र__की__रचना की (जिसे आज पूरी दुनिया पढ़ रही है) वो कौटिल्य ब्राह्मण थे।
#आदि__शंकराचार्य_जिन्होंने_संपूर्ण_हिंदू_समाज_को__एकता_के_सूत्र_में_बांधने_के_प्रयास_किये, 8वीं सदी में ही पूरे देश का भ्रमण किया, विभिन्न विचारधाराओं वाले तत्कालीन विद्वानों-मनीषियों से शास्त्रार्थ कर उन्हें हराया,
देश के चार कोनों में चार मठों की स्थापना कर हर हिंदू के लिए चार धाम की यात्रा का विधान किया, जिससे आप इस देश को समझ सकें। वो शंकराचार्य ब्राह्मण थे।
कर्नाटक के जिन लिंगायतों को कांग्रेसी हिंदूओं से अलग करना चाहतें हैं, उनके गुरु और #लिंगायत_के_संस्थापक__बसव_भी ब्राह्मण थे।
भारत में सामाजिक-वैचारिक उत्थान, विभिन्न जातियों की समानता, छुआछूत-भेदभाव के खिलाफ समाज को एक करने वाले भक्ति आंदोलन के प्रमुख #संत_रामानंद, (जो केवल कबीर के ही नहीं बल्कि संत रैदास के भी गुरु थे) ब्राह्मण थे।
आज दिल्ली में जिस भव्य #अक्षरधाम_मंदिर के दर्शन करके दलितों समेत सभी जातियों के लोग खुद को धन्य मानते हैं, उस #मंदिर__की__स्थापना_करने_वाला___स्वामीनारायण_संप्रदाय_है_जिसके_जन_ घनश्याम_पांडेय भी ब्राह्मण थे।
वक्त के अलग-अलग कालखंड में हिंदू समाज में व्याप्त हो चुकी बुराईयों को दूर करने के लिए 'आर्य समाज' व 'ब्रह्म समाज' के रूप में जो दो बड़े आंदोलन देश में खड़े हुए, इन दोनों के ही जनक क्रमश: स्वामी दयानंद सरस्वती व राजा राममोहन राय (जिन्होंने हमें सती प्रथा से मुक्ति दिलाई) ब्राह्मण थे।
भारत में #विधवा__विवाह_की_शुरुआत_करान_ वाले_ईश्वरचंद्र_विद्यासागर_भी_ब्राह्मण_थे। इन सभी संतों ने जाति-पांति, छुआछूत, भेदभाव के खिलाफ समाज को जागरुक करने में अपना जीवन खपा दिया- लेकिन समाज नहीं सुधरा।
भगवान श्रीराम की महिमा को '#रामचरित_मानस' के जरिये घर-घर में पहुंचाने वाले #तुलसीदास और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की लहर पैदा करने वाले #वल्लभाचार्य भी ब्राह्मण थे।
ये भी याद रखिये- मंदिरों में ब्राह्मणों का वर्चस्व था, जैसा कि आप लोग कहते हैं, फिर भी भारत में भगवान परशुराम (ब्राह्मण) के मंदिर सामान्यत: नहीं मिलते। ये है ब्राह्मणों की भावना।
विदेशी आधिपत्य के खिलाफ सबसे पहले विद्रोह का बिगुल बजाने संन्यासियों में से अधिकांश लोग ब्राह्मण थे। #अंग्रेजों_की_तोपों_के_सामने_सीना_तानने_वाले__मंगल_पांडेय__रानी_लक्ष्मीबाई, अंग्रेज अफसरों के लिए दहशत का पर्याय बन चुके #चंद्रशेखर-आजाद, फांसी के फंदे पर झूलने वाले #राजगुरु - ये सभी ब्राह्मण थे।
#वंदेमातरम_जैसी_कालजयी_रचना से पूरे देश में देशभक्ति का ज्वार पैदा करने वाले #बंकिमचंद्र_चटर्जी__जन__गण__मन__के__रचयिता__रविंद्र_नाथ_टैगोर ब्राह्मण,
देश के पहले आईएएस (तत्कालीन ICS) सत्येंद्रनाथ टौगोर भी ब्राह्मण। स्वतंत्रता आंदोलन के नायक #गोपालकृष्ण_गोखले (गांधी जी के गुरु), #बाल_गंगाधर__तिलक__राजगोपालाचारी ब्राह्मण। भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में #अटल_बिहारी वाजपेयी भी ब्राह्मण।
नेहरु सरकार से त्यागपत्र देने वाले पहले मंत्री जिन्होंने पद की बजाय जनहित के लिए संघर्ष का रास्ता चुना और कश्मीर के सवाल पर अपने प्राणों की आहुति दी- वो
#डॉ_श्यामा_प्रसा_ मुखर्जी भी ब्राह्मण।
#बीजेपी_के_सबसे_बड़े_सिद्धांतकार_पंडित_दीनदयाल__उपाध्याय…
हिंदू समाज की एकता, जातिविहीन समाज की स्थापना और सांस्कृतिक गौरव की पुनर्स्थापना के लिए खड़ा हुआ दुनिया का सबसे बड़ा #स्वयंसेवी_संगठन_राष्ट्रीय__स्वयंसेवक_संघ_की__नींव_एक_गरीब_ब्राह्मण_परिवार_से__ताल्लुक_रखने_वाले__पूज्य_डॉ_हेडगेवार_जी_ने_डाली_थी।
उन्होंने अपने खून का कतरा-कतरा हिंदूओं को ताकत देने और उन्हें एकसूत्र में पिरोने में खपा दिया, केवल ब्राह्मणों की चिंता नहीं की। #संघ__के_दूसरे__सरसंघचालक-_डॉ_ गोलवलकर-_जिन्होंने संपूर्ण हिंदू समाज को ताकत देने के लिए सारा जीवन समर्पित कर दिया- वो भी ब्राह्मण।
यही नहीं, #देश_में_पहली_कम्यूनिस्ट_सरकार__केरल_में_बनाने_वाले_नंबूदरीपाद_समेत_मार्क्सवादी_आंदोलन के कई प्रमुख रणनीतिकार ब्राह्मण ही थे।
समकालीन नेताओं की बात करें तो तमिलनाडु में #जयललिता ब्राह्मण थीं,
मायावती, जिन्होंने 'तिलक-तराजू और तलावर, इनको मारो जूते चार' जैसा अपमानजनक नारा बार-बार लगवाया, उन पर जब लखनऊ के गेस्ट हाउस में सपा के गुंडों ने जानलेवा हमला किया, उन्हें मारा-पीटा, उनके कपड़े फाड़े, और शायद उनकी हत्या करने वाले थे, उस समय जान पर खेलकर उन गुंडों से लड़ने वाले और #मायावती__को__सुरक्षित__वहां_से__निकालने_वाले__स्वर्गीय_ब्रह्मदत्त_द्विवेदी भी ब्राह्मण थे।
जिस #लता_मंगेशकर की आवाज को ये देश सम्मोहित होकर सुनता रहा और जिस #सचिन_तेंदुलकर के हर शॉट पर प्रत्येक जाति का युवा ताली बजाकर खुश होता रहा - ये दोनों ही ब्राह्मण।
फिर भी, जिन्हें लगता है कि ब्राह्मण केवल मंदिर में घंटा बजाना जानता है- वो ये भी जान लें कि भारत के इतिहास का सबसे महान घुड़सवार योद्धा और सेनानायक- जो 20 साल के अपने राजनीतिक जीवन में कभी कोई युद्ध नहीं हारा, जिसने मुस्लिम शासकों के आंतक से कराहते देश में भगवा पताकाओं को चारों दिशाओं में लहरा दिया और जिसे बाजीराव-मस्तानी फिल्म में देखकर आपने भी तालियां ठोंकी होंगी, - वो #बाजीराव_बल्लाल भी ब्राह्मण था।
#तो_ब्राह्मणों_को_कोसने_वालों_इतिहास_को_ठीक_से_पढ़_लो..।।
सभी ब्राह्मण बन्धुओं से निवेदन करता हूं कि अपने पूर्वजों का इतिहास बच्चों को जरूर बताएं ।
★#जय_ब्राह्मण_देव★