*Ayodhya Ram Mandir Case: अयोध्या में धारा 144 लागू, सुप्रीम कोर्ट में अंतिम चरण की सुनवाई के चलते लिया फैसला*

*Ayodhya Ram Mandir Case: अयोध्या में धारा 144 लागू, सुप्रीम कोर्ट में अंतिम चरण की सुनवाई के चलते लिया फैसला*


अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई सोमवार (14 अक्टूबर) से अंतिम चरण में पहुंच गई है। ऐसे में किसी भी तनावपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रशासन का कहना है कि आगामी त्योहार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले और लोगों की सुरक्षा आदि को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया। जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू रहेगी। इस दौरान 4 या इससे अधिक लोगों के एक साथ मीटिंग आदि करने पर प्रतिबंध रहेगा।


6 अगस्त से शुरू हुई रोजाना सुनवाई: बता दें कि CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने 6 अगस्त से इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला मध्यस्थता समिति के असफल होने के बाद लिया था। बता दें कि दशहरे की छुट्टियों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही निपटाने की डेडलाइन संशोधित की। साथ ही, 17 अक्टूबर तक कार्यवाही पूरी करने की बात कही।


2010 में हाई कोर्ट ने सुनाया था फैसला: गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में 2010 में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बांटने का फैसला सुनाया था। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दायर की गई थीं।


1950 में दायर हुई थी पहली याचिका: जानकारी के मुताबिक, अयोध्या जमीन विवाद को लेकर लोअर कोर्ट में 5 याचिका दायर की गईं। सबसे पहले रामलला के भक्त गोपाल सिंह विशारद ने 1950 में याचिका दायर की थी। उन्होंने विवादित जमीन पर हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने देने की अनुमति मांगी थी। इसी साल परमहंस रामचंद्र दास ने भी याचिका दायर की और बाबरी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे रामलला की मूर्ति स्थापित करने व पूजा करने की अनुमति देने की मांग की थी। हालांकि, बाद में यह याचिका वापस ले ली गई थी।