यो यो अभी सिंह

● तुमने प्रेम किया- स्वीकार है कोई समस्या नही।
● तुमने प्रेम दलित से किया-वो भी स्वीकार कोई समस्या नही,दलित भी इंसान और हिन्दू ही है।
● तुम्हे शादी शुदा से प्रेम हो गया- चलो वो भी स्वीकार भावनाएं और प्रेम शायद यह विभेद नही कर पाता।
● तुम्हे अपनी उम्र से 20 साल बड़े व्यक्ति से प्रेम हो गया- स्वीकार भावनाएं और प्रेम उम्र नही देखते।
●तुम्हे अपने भाई के मित्र से प्रेम हो गया- चलो वो भी स्वीकार,किसी को कोई समस्या नही।
● तुम्हे अपने घर के टुकड़े पर पलने वाले और 1 करोड़ का उधार लिए व्यक्ति से प्रेम हो गया- चलो वो भी स्वीकार भावनाएं और प्रेम शायद स्टेटस और बैंक बैलेंस नही देख पाता,हालांकि तुम्हारे प्रेमी(अब तथाकथित पति) ने ये सब देखा है।
● तुमने उससे भाग के शादी कर ली- यह भी स्वीकार है,कानूनन बालिग हो शादी करके उसके साथ रहो या बिना शादी किये कोई समस्या नही,कानून तुम्हारे साथ है।
           मगर जो अस्वीकार है वो ये है कि...
तुम्हे इन सब के बाद कोई अधिकार नही था एक बाप की इज्जत को खबरिया कोठों पर दलालों के साथ बैठकर नीलाम करने का...तुम्हे कोई हक नही था एक माँ की ममता,बाप के प्यार और भाई के स्नेह को टीआरपी की भूखी अंजना कश्यप जैसी खबरिया गिद्धों के साथ चैनेलो पर बैठ बैठकर गिद्ध बनकर नोचने का..साक्षी नोची तो तुम भी जाओगी अपने बाप की इज्जत की तरह या यूं कह लो गिद्ध तुम्हें भी नोच रहे हैं बस तुम्हे पता दो चार साल बाद चलेगा। उस समय न ये मीडिया आएगा और न ही नारीवाद का झंडा उठाये ये वामी..अगर उस बाप में जरा भी स्वाभिमान बचा होगा तो वो भी नही आएगा उस समय तुम्हारे साथ...तुमने अपनी नियति खुद चुनी है। प्रेम,प्रेम संबंध या विवाह से समस्या नही थी समस्या तुम्हारे द्वारा अपने बाप के खिलाफ चलाये जा रहे मीडियाई एजेंडे से थी है और रहेगी...🙏🙏